कप्तानगंज थाना क्षेत्र के मथौली कस्बे के वार्ड नंबर 4 (पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर) में सोमवार दोपहर एक अजीबोगरीब घटना सामने आई। एक दो वर्षीय बच्चा अचानक लापता हो गया, जिससे पूरे परिवार में हड़कंप मच गया। काफी खोजबीन के बाद बच्चा पड़ोसी के ताले लगे घर के अंदर सुरक्षित मिला।इस घटना ने पूरे मोहल्ले में चर्चा का विषय बना दिया है। परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि इतना छोटा बच्चा बंद घर में कैसे पहुंचा? वहीं, पड़ोसी वृद्धा का कहना है कि शायद बच्चा खेलते-खेलते अंदर चला गया होगा और उन्हें पता नहीं चला।
कैसे हुआ बच्चा लापता?
मथौली कस्बे के वार्ड नंबर 4 निवासी राजेश मद्धेशिया अपने पूरे परिवार के साथ कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रहे थे। उसी दौरान उनका नाती, दो वर्षीय शिवम अचानक लापता हो गया।
- परिवार के सदस्यों ने सोचा कि वह घर के आसपास खेल रहा होगा, लेकिन जब काफी देर तक नहीं दिखा, तो सब घबरा गए।
- परिजनों और स्थानीय लोगों ने मोहल्ले के हर कोने में उसकी तलाश शुरू कर दी।
- करीब एक घंटे की खोजबीन के बाद बच्चा पड़ोसी के ताले लगे घर में मिला, जिससे सभी हैरान रह गए।
Tबंद घर में कैसे पहुंचा बच्चा?
जब बच्चे को पड़ोसी वृद्धा के ताले लगे घर में पाया गया, तो लोग हैरान रह गए कि वह अंदर कैसे गया।
- पड़ोसी वृद्धा का कहना है कि शायद बच्चा खेलते-खेलते अंदर आ गया और उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
- वृद्धा जब घर से बाहर निकलीं, तो उन्होंने ताले में बंद कर दिया और कस्बे में चली गईं।
- जब वह वापस लौटीं, तो घर के बाहर लोगों की भीड़ देखी और इस घटना की जानकारी मिली।
बच्चे की हालत कैसी थी?
जब बच्चा घर के अंदर मिला तो वह डरा-सहमा जरूर था, लेकिन पूरी तरह सुरक्षित था।
- उसे तुरंत बाहर निकाला गया और मां के गले लगते ही वह रोने लगा।
- परिवारवालों ने भगवान का शुक्रिया अदा किया कि बच्चा सही-सलामत मिल गया।
- पूरे मोहल्ले में इस घटना को लेकर चर्चा बनी रही और लोग इसे चमत्कार बता रहे थे।
क्या इस घटना में कोई साजिश थी?
हालांकि यह मामला एक संयोग लग रहा है, लेकिन कुछ सवाल अभी भी बाकी हैं:
- अगर वृद्धा का कहना सही है, तो बच्चा घर के अंदर कैसे गया?
- क्या ताला लगाने से पहले उन्होंने ठीक से घर की जांच नहीं की?
- अगर घर अंदर से बंद था, तो बच्चा बिना किसी मदद के कैसे अंदर गया?
इस मामले में पुलिस को किसी तरह की शिकायत नहीं दी गई, क्योंकि परिजनों ने इसे संयोग मानकर मामले को आगे नहीं बढ़ाया।
इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए क्या करें?
छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर माता-पिता और समाज को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए:
- छोटे बच्चे अचानक इधर-उधर चले जाते हैं, इसलिए उन पर हर वक्त नजर रखना जरूरी है।
- बच्चों को खुली जगहों या पड़ोस में अकेले खेलने न दें।
- अगर कोई घर से बाहर जा रहा हो, तो ताला लगाने से पहले अच्छी तरह से चेक कर लें कि कहीं कोई अंदर तो नहीं है।
- बच्चों को खुले दरवाजों के पास खेलने से रोकें।
- अगर संभव हो तो घर और मोहल्ले में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं, ताकि किसी भी तरह की घटना रिकॉर्ड हो सके।
- बच्चों को गायब होने से रोकने के लिए जीपीएस ट्रैकर डिवाइस भी उपयोग की जा सकती हैं।
- अगर कोई बच्चा लापता हो जाए, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
- स्थानीय लोगों की मदद से हर जगह खोजबीन करें और संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान दें।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद मथौली कस्बे के लोगों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
- राजेश मद्धेशिया (बच्चे के नाना) – “हम बहुत डर गए थे। हमें लग रहा था कि कोई बड़ा हादसा हो गया, लेकिन भगवान की कृपा से बच्चा सुरक्षित मिला।”
- स्थानीय निवासी विजय सिंह – “यह घटना हमें सिखाती है कि बच्चों पर पूरी नजर रखनी चाहिए। थोड़ा भी लापरवाह होना खतरनाक हो सकता है।”
- पड़ोसी वृद्धा (जिनके घर में बच्चा मिला) – “मुझे नहीं पता था कि बच्चा अंदर चला गया। अगर ध्यान देती, तो कभी ताला न लगाती।”